Not known Facts About Shodashi
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
It absolutely was below too, that The nice Shankaracharya himself set up the graphic of the stone Sri Yantra, Probably the most sacred geometrical symbols of Shakti. It might still be considered today while in the interior chamber from the temple.
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
Saadi mantras are more available, useful for normal worship and also to invoke the existence of the deity in way of life.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
The legend of Goddess Tripura Sundari, also referred to as Lalita, is marked by her epic battles against forces of evil, epitomizing the Everlasting battle between fantastic and evil. Her tales are not only tales of conquest but in addition have deep philosophical and mythological significance.
ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो get more info जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।